5 Essential Elements For shiv chalisa lyrics in gujarati pdf
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नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।
पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥
अर्थ- हे अनंत एवं नष्ट न होने वाले अविनाशी भगवान भोलेनाथ, सब पर कृपा करने वाले, सबके घट में वास करने वाले शिव शंभू, आपकी जय हो। हे प्रभु काम, क्रोध, मोह, लोभ, अंहकार जैसे तमाम दुष्ट मुझे सताते रहते हैं। इन्होंनें मुझे भ्रम में डाल दिया है, जिससे मुझे शांति नहीं मिल पाती।
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शिवाष्टकस्तोत्र को सुबह- शाम किसी भी दिन पढ़ सकते है।
अर्थ- हे प्रभु वैसे तो जगत के नातों में माता-पिता, भाई-बंधु, नाते-रिश्तेदार सब होते हैं, लेकिन विपदा पड़ने पर कोई भी साथ नहीं देता। हे स्वामी, बस आपकी ही आस है, आकर मेरे संकटों को हर लो।
द्वादश ज्योतिर्लिंग मंत्र
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥
सहस बदन तुम्हरो जस गावैं। अस कहि श्रीपति कण्ठ लगावैं।।
मुदामाकरं मण्डनं मण्डयन्तं महामण्डलं भस्मभूषाधरं तम् ।
नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥ ॐ जय शिव…॥
अर्थ: माता मैनावंती की दुलारी अर्थात माता पार्वती जी आपके बांये अंग में हैं, उनकी छवि भी अलग से मन को हर्षित करती है, तात्पर्य है कि आपकी पत्नी के रुप में माता पार्वती भी पूजनीय हैं। आपके हाथों में त्रिशूल आपकी छवि को और भी आकर्षक बनाता है। आपने हमेशा शत्रुओं का नाश किया है।
चालिसा भगवान शिवाशी मजबूत आध्यात्मिक संबंध निर्माण more info करण्यास मदत करते. दररोज श्री शिव चालिसाचा जप केल्याने भक्ताला शांती, आंतरिक शक्ती आणि आध्यात्मिक वाढ मिळेल.