नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा। पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥ अर्थ- हे अनंत एवं नष्ट न होने वाले अविनाश�
नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा। पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥ अर्थ- हे अनंत एवं नष्ट न होने वाले अविनाश�